विचारों की भंवर
उस कश्म - कश भंवर से निकल
फिर खुद से बात कर
सोच आस पास कौन ?
खड़े है क्या वो मौन ?
जन्म जब लक्ष्य है ।
तो मरने की बात क्यों ?
हां जानता हूं मै भी,
मृत्यु अटल सत्य है ।
दो पल है जिसकी जिंदगी,
फिर उस पर बात क्यों ?
जिंदगी कर्म है ।
मनुष्य का धर्म है । - अजय पाल सिंह
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