आधुनिक हवा और उसके साथी
मैं खफा नहीं इंसान से
उसकी आदत, उसके काम से
सारी गलती मेरी ही तो थी
क्योंकि मै ही इस आधुनिक युग में पारम्परिक थी
साफ रहना, स्वस्थ रहना
प्राकृतिक नियम से चलना
कहां किया था मैंने किसी के साथ भेदभाव
अब समय बदल गया है
अब आधुनिकता की ओर निकल गया
मैंने भी अपने अंदर बदलाव किया है
आज मैंने भी धुंआ (smoking) पिया है
CO2 को अपने बाहों में भर, तपन महसूस की है
SO2 को आज मैंने छुआ है
CFCs, CH4 से आज प्यार हुआ है
आज PM 2.5 मेरा यार हुआ है ।
मै भी अब नही किसी से पीछे
क्योंकि मेरा पूरा परिवार आधुनिक हुआ है।

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